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Exercise - 1
वाशिंगटन को मार्ग में बहुत-सी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। जब वह रिचमंड पहुंचा, तब उसके पास धन बिल्कुल भी नहीं था। उसका समस्त धन मार्ग में ही समाप्त हो गया था। उस समय वह थका हुआ तथा भूखा था। उसके कपड़े गंदे हो गए थे, किंतु वह हतोत्साहित नहीं था क्योंकि उसका मनोबल ऊंचा था। शहर में कोई भी व्यक्ति का परिचय नहीं था। उस नगर में अकेले रात व्यतीत करना चाहता था। कोई भी व्यक्ति स्थान देने को तैयार नहीं था। वे रात व्यतीत करने के लिए स्थान देने के लिए धन चाहते थे। और उसके पास धन नहीं था। अतः वह समझ नहीं सका कि वह क्या करें?
Washington had to face many difficulty on the way. When he reached Richmond, he had no money. All his money was spent. He was tried and hungry at that time. His clothes were dirty, but he was not discourage as his spirits were high. He had no acquaintance in the city. He wanted to pass the night in the city. No one was willing to give him place. They wanted money for lodging to pass the night and he had no money. So he could not know what to do.
Exercise -2
असफलता से हमें कभी निराश नहीं होना चाहिए। सफलता और असफलता बहने हैं। असफलता हमारी आंखें खोलती है और हमारी कमजोरियों को उजागर करती है। उन्हें दूर कर हम पुनः सफल हो सकते हैं। बड़े-बड़े वैज्ञानिक अपने प्रयोग में असफल होते हैं। बड़े-बड़े योद्धा युद्ध के मैदान में पराजित होते हैं। महान नेता चुनाव में हार जाते हैं, पर वे निरंतर प्रयास करते रहते हैं और एक दिन अवश्य सफल होते हैं। मार्ग की कठिनाइयों को देखकर कभी निराश नहीं होना चाहिए। यदि हम दृढ़ निश्चय कर लें तो कोई भी चीज असंभव नहीं। जीवन संघर्ष का ही दूसरा नाम है; यह फूलों की सेज नहीं।
We should never be disappointed with the failure. Success and failure are like sisters. Failure opens up our eyes and exposes up our weaknesses. By overcoming them we can succeed again. Even the great scientists fail in their experiments. Big warriors are defeated in their bettlefield. Great leaders loose their elections, but they constantly keep trying and definitely get success one day. We should never be disappointed by seeing the difficulties of the way. If we take a strong determination, then nothing is impossible. . Life is the other name of struggle; it is not a bed of roses.
Exercise -3
दो मनुष्य रुपया कमाने को अपने घर से निकले। उन्होंने अपनी स्त्रियों को घर पर छोड़ दिया और वह एक दूर के देश में पहुंचे। एक दिन उनमें से एक ने अपने साथी को मार डालने और रुपया ले लेने का पक्का इरादा कर लिया। उसने अपने साथी को तलवार से ऐसा घायल कर दिया कि वह बेचारा तुरंत जमीन पर गिर पड़ा। जब उसके प्राण निकलने को थे, तो उसने उस मनुष्य से जिसने उसे घायल किया था, कहा "क्या तुम समझते हो कि जो तुमने किया है उसे कोई नहीं जानता। वह देखो वह बादल जो आकाश में है उसने देख लिया है। वह मेरी स्त्री से अवश्य कह देगा कि तुमने मेरी हत्या की है।”
Two men left home to earn money. They left their wives at home and reached a far off country. One day one of them made up his mind to murder his companion and get hold of his money. He wounded his friend with his sword so deeply that the poor fellow immediately fell on the ground. When he was breathing his last, he said to the man who had wounded him, "Do you think nobody knows about what have you done? Look at the cloud in the sky; it has seen your act. It will surely tell my wife that you have murdered me.
Exercise -4
एक व्यापारी के पास एक नौकर था जिसने बहुत दिनों तक उसकी सेवा की। सदैव है सबसे पहले उठा करता था और रात को सब के पश्चात सोया करता था दूसरी अच्छी बात उसके विषय में यह थी कि वह कभी बड़बड़ा या नहीं करता था और सदैव प्रसन्न और शांतिपूर्वक रहा करता था। जब उसकी नौकरी का प्रथम वर्ष बीत गया। तो उसके मालिक ने निश्चय किया कि उसका वेतन न दें, कहीं ऐसा न हो कि वह नौकरी छोड़कर चला जाए। जब नौकर ने मालिक से अपना वेतन मांगा, मालिक ने उससे कहा, "तुम रुपया क्यों लेना चाहते हो? मैं तुम्हारे वेतन को पोस्ट ऑफिस में तुम्हारे खाते में जमा कर दूंगा"। इस पर नौकर ने कुछ भी नहीं कहा और सदैव की भांति अपना कार्य करता रहा।
A merchant had a servant who served him for a long time. He was always the first man to get up and the last man to go to bed at night. The second good thing about him was that he never grumbled and was always happy and calm. When the first year office service was over, his master decided not to give him his pay lest he should leave the service. When the servant demanded his payment, his master said to him, "Why do you want to have your money? I shall deposit your salary in your accounts in the post office. At this the servant said nothing and kept on doing his work as before.
Exercise -5
सरदार पटेल दृढ़ व्यक्ति थे। लोग उन्हें 'भारत का लौह पुरुष' कहते हैं। नि:सन्देह वे इस अर्थ में लौह पुरुष थे कि वह एक कुशल प्रशासक थे। किंतु व्यक्तिगत रूप से वे उन व्यक्तियों के प्रति दयावान थे जिन्हें उनके घनिष्ठ संपर्क में आने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था। कभी-कभी जब उनके निजी मित्रों और अनुयायियों के संबंध में कोई बात होती थी, तब वे भावुक भी हो जाते थे।
Sardar Patel was a strict man. People call him the "Iron man of India". He was no doubt, an iron man in the sense that he was an efficient administrator. But as a man, to those who had the good fortune of coming into close contact with him, he was he kind and gentle. At times he even become emotional when he is personal friends and followers were concerned.
Exercise -6
आज जनसंख्या की समस्या विश्व की एक अन्य प्रमुख समस्या है, जो कि क्षेत्रीय भारतीय समस्या भी है। विश्व की मृत्यु-दर कम करने में सफल होने तथा उसी अनुपात में जन्म-दर कम करने में सफल न होने के फलस्वरूप जनसंख्या अब अत्यधिक तेजी गति से बढ़ रही है। भारत सरकार ने इस समस्या का निश्चित रूप से मुकाबला किया है और इसका सामना करने के लिए आवश्यक कदम उठा रही है। लाखों पत्नियों एवं पतियों को यह विश्वास दिलाना कि वह अपने बच्चों की संख्या को सीमित रख सकते हैं और रखनी चाहिए, एक विशाल शैक्षिक उद्यम है।
The population problem is another major present-day world problem which is a regional Indian problem as well. Population is increasing at and inordinate rate now as a result of our having succeeded in reducing the world's death-rate without having achieved up to date, proportionate reduction in the birth-rate. The Indian government has faced this problem frankly and has been taking steps to cope with it. It is a Titanic educational educational enterprise to try to convince millions of wives and husbands that they can and should, limit the number of their children.
Exercise -7
गौतम सदैव एक बहुत ही चिंतनशील बालक थे। वे मृदुभाषी, दयालु, हृदय तथा सबके प्रति दयावान थे। बहुधा जब शिकार करते तो जब वे वनों में निर्दोष हिरण को चढ़ते हुए देखते थे तो वे अपने धनुष को आधी खींच कर रुक जाते थे। वे कहते, "मैं बेचारे जीव को क्यों अघात पहुंचाऊं?" और इसके पश्चात अपने बाण को वापस तरकश में रख लेते तथा बिना किसी का शिकार किए घर चले जाते। प्रायः वह दौड़ में भी रुक जाते, क्योंकि उनका घोड़ा थक जाता था तथा हांफने लगता था तथा घोड़े को कष्ट देने की अपेक्षा दौड़ में हार जाना पसंद करते।
Gautam had always been a very thoughtful boy. He was gentle in speech, had a kind heart, and was full of mercy to all. Often when hunting, he would stop with his bow half drawn in his hand, when he saw the harmless dear grazing in the forests. "Why should I hurt the poor creature?" he would say, and then would put the arrow back into its case and go home without shooting anything. Often in a race, he would stop because his horse was tired and breathted hard, and he would lose the race rider rather than give pain to his horse.
Exercise - 8
महात्मा गांधी संसार के सबसे महान राजनीतिक और संतों में से एक थे। एक महान समाज सुधारक भी थे। वे अहिंसा में विश्वास रखते थे और उनका विश्वास था की सहायता से किया जा सकता है।
उन्होंने सीख दी कि सत्य सब धर्मों का आधार है और प्रत्येक वह वस्तु जो सत्य है,। सुंदर है। यह उनकी अच्छी सलाह दी थी कि हम को पाप से घृणा करनी चाहिए, पापी से नहीं।
Mahatma Gandhi was one of the greatest politicians and saints of the world. He was a great social reformer. He had firm faith in non-violence and believed that everything could be done with the help of non-violence. He taught that truth is the basis of all religious, and everything which is true is beautiful. It was his good advice that we should hate the sin, not the sinner.
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